Hindi Kahaniya – SPT Hindi https://hi.spokenenglishtips.com Hindi Information, Kya Kaise, क्रेडिट Card Sat, 21 Oct 2023 18:34:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.5 https://hi.spokenenglishtips.com/wp-content/uploads/2023/04/cropped-H-1-32x32.png Hindi Kahaniya – SPT Hindi https://hi.spokenenglishtips.com 32 32 कछुए और खरगोश की कहानी | Kachua Aur Khargosh Ki Kahani https://hi.spokenenglishtips.com/hindi-kahaniya/khargosh-aur-kachhue-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/hindi-kahaniya/khargosh-aur-kachhue-ki-kahani/#respond Sat, 22 Jul 2023 07:05:02 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=528

एक बार एक जंगल में एक कछुआ और एक खरगोश दोस्त रहते थे। दोनों की अच्छी मित्रता थी और वे हमेशा साथ रहते थे। दोनों के बीच में एक गहरी और आज़ाद दोस्ती थी।

एक दिन, वे एक साथ खेतों के पास घूम रहे थे। धीरे-धीरे धूप तेज होने लगी और कछुए को बहुत गरमी महसूस होने लगी। उसकी खुदाई की ताक़त कमज़ोर हो गई और वह आराम से चलने लगा। वह थक कर बैठ गया और खरगोश से बोला, “मेरे प्यारे दोस्त, मुझे और चलना मुश्किल हो रहा है।”

खरगोश ने देखा कि कछुआ अपने धरती में बड़ी मेहनत से आगे बढ़ रहा था और उसकी मदद करने की कोशिश कर रहा था। खरगोश ने सोचा कि वह अपने तेज़ दौड़ से कछुए को उसकी यात्रा में मदद कर सकता है। इसलिए खरगोश ने प्रस्तावित किया, “मेरे प्यारे दोस्त, तुम ऊपर आ जाओ, मैं तुम्हें अपनी पीठ पर ले जाऊंगा।”

कछुआ खरगोश की मदद से पीठ पर आकर खुद को ऊपर उठा लिया। खरगोश ने जल्दी से दौड़ना शुरू कर दिया। अब कछुए को जल्दी ही अपने गरमी से बचाने की जरूरत नहीं थी। उसकी यात्रा आसान हो गई और वह बड़ी खुशी से अपने दोस्त के साथ चलने लगा।

जब वे थोड़ी दूर चले तो खरगोश को अपने तेज़ दौड़ के कारण थकावट महसूस होने लगी। उसकी साँस तेज़ हो गई थी और वह थक कर बिल्कुल थम गया।

कछुआ ने खरगोश को अपनी पीठ पर ले जाने का आभार व्यक्त किया और बोला, “दोस्त, अब मेरी बारी है तुम्हारी मदद करने की।”

खरगोश ने धन्यवाद दिया और दोनों दोस्त साथ में चलते रहे। उनकी दोस्ती और सहायता ने उन्हें जीवन में हमेशा एक दूसरे के साथ सहयोगी बना दिया और उन्हें हर मुश्किल से पार करने की शक्ति प्रदान की।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि सच्ची मित्रता में हम एक-दूसरे की मदद करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो। असली मित्र हमारे साथ सुख-दुख में खड़े रहते हैं और हमारे साथ अपने समय और सामर्थ्य से सहायता करते हैं।

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पंचतंत्र की कहानी: बंदर और मगरमच्छ की कहानी लिखी हुई हिंदी में (Panchtantra Ki Kahani: Bandar Aur Magarmachh) https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/bandar-aur-magarmachh/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/bandar-aur-magarmachh/#respond Sun, 16 Jul 2023 02:45:39 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=515 बंदर और मगरमच्छ की कहानी – बंदर और मगरमच्छ के बीच होने वाले एक अनोखे मुकाबले के बारे में एक हिंदी कहानी। इस कहानी में आप देखेंगे कि अकाल के समय अनुभव और बुद्धिमानी हमेशा जीवों की मदद कर सकती है।

एक जंगल में बंदरों और मगरमच्छों का समूह रहता था। बंदरों को अपनी आक्रामकता और चालाकी के लिए प्रसिद्धता मिली थी, वहीं मगरमच्छ अपनी तेज़ दांतों और जलीय क्षमता के कारण मशहूर थे। इस कहानी में हम देखेंगे कि कैसे बंदर और मगरमच्छ के बीच एक मुकाबला होता है, जिसमें बंदर को अपने बुद्धिमानी और मगरमच्छ को अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल करना होगा।

बंदर और मगरमच्छ: बंदर और मगरमच्छ की कहानी लिखी हुई हिंदी में

बंदरों और मगरमच्छों का जंगल वहाँ काफी अद्भुत और विचित्र था। यहाँ पर अलग-अलग जाति के जानवर रहते थे, जो अपने-अपने धर्मों और गुणों में विशेष थे। बंदरों को उनकी चालाकी और हंसमुखता के कारण प्रसिद्धता मिली थी, वहीं मगरमच्छ अपनी तेज़ दांतों और जलीय क्षमताओं के कारण मशहूर थे।

एक बार, बंदरों और मगरमच्छों के बीच एक मुकाबला होने का फैसला हुआ। इस मुकाबले में, उन्हें अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करके एक-दूसरे को हराना था। जब इस खबर ने सभी जानवरों तक पहुँची, तो उन्होंने बड़ी उम्मीद और उत्साह से मुकाबले का स्वागत किया।

मुकाबले के दिन पर, बंदर और मगरमच्छ उम्मीद से भरपूर थे। जंगल में सभी जानवर इकट्ठे हो गए थे और उन्हें इंतजार था कि कौन जीतेगा – बंदर या मगरमच्छ।

पहले मगरमच्छ अपनी दांतों के साथ एक नामूमकिन स्थिति को सामर्थ्य से सामना करने की कोशिश करता है। वह एक ऊँची बटरलंग के ऊपर चढ़ता है और अपने तेज़ दांतों को दिखाता है, लेकिन उसे वह स्थिति प्राप्त नहीं होती है जो उसे चाहिए थी।

फिर बारी बंदर की आती है। उसने ध्यान से देखा और समझा कि मगरमच्छ ने अपनी ताकत के साथ सही रास्ता नहीं चुना है। बंदर बड़ी खुशी से छलांग लगाता है और वह ऊँची बटरलंग पर जाता है। यह देखकर सभी हैरान हो जाते हैं।

बंदर अपनी बुद्धिमानी का प्रदर्शन करते हुए कहता है, “यह देखो, मगरमच्छ तो तेज़ दांतों के साथ खुद को ठगने की कोशिश कर रहा था, पर उसे यह नहीं पता था कि उसे किस ताकत की ज़रूरत है। जबकि मैंने ध्यान से सोचा और उचित रास्ता चुना, जिससे मैंने समस्या को हल किया।”

इस मुकाबले में, बंदर ने अपनी बुद्धिमानी से जीत हासिल की। यह उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक था कि अकाल के समय अनुभव और बुद्धिमानी हमेशा जीवों की मदद कर सकती है।

यह कहानी हमें यह बताती है कि जीवों के बीच ताकत और बुद्धिमानी की महत्वपूर्णता होती है। हमें अपनी क्षमताओं को ठीक से जानना और समय पर उन्हें सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। इससे हम सभी को सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

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बंदर और मगरमच्छ की कहानी जामुन के पेड़ वाली https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9c/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9c/#respond Sat, 15 Jul 2023 13:27:51 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=512 बंदर और मगरमच्छ की कहानी जामुन के पेड़ वाली: इस कहानी में बंदर और मगरमच्छ के बीच एक रोचक प्रेम कथा का वर्णन है, जहां वे जामुन के पेड़ के आसपास मिलते हैं। पढ़ें इस कहानी को और जानें कि क्या होता है जब ये दोनों मिलकर साथ रहते हैं।

यह कहानी बंदर और मगरमच्छ की एक दिलचस्प प्रेम कहानी है। जब ये दोनों जामुन के पेड़ के पास मिलते हैं, तो उनकी दोस्ती एक नया मोड़ लेती है। यह कहानी सिखाती है कि विविधता में समृद्धि होती है और दोस्ती का महत्व हमारे जीवन में क्या होता है।

बंदर और मगरमच्छ की कहानी “जामुन के पेड़ वाली”

एक जंगल में बंदर और मगरमच्छ एक साथ रहते थे। दोनों जानवरों के बीच बड़ी गहरी मित्रता थी। वे दिनभर एक साथ खेलते, उछलते और एक दूसरे की मदद करते थे।

जंगल में एक जमीनी गेहरे रंग के जामुन का पेड़ था। बंदर और मगरमच्छ बहुत पसंद करते थे उस जामुन के पेड़ को और हर बार जब उन्हें भूख लगती थी, तो वे साथ में उस पेड़ पर चढ़ जाते थे और जामुन खाते थे। इस तरह, वे दोस्ती को और अधिक मजबूत बनाते थे।

एक दिन, एक बारिश के बाद, जामुन के पेड़ के नीचे एक छोटा-सा खाई बन गई। खाई में पानी इकट्ठा हो गया था और वहां से एक भयानक मगरमच्छ निकल आया। मगरमच्छ को बंदर देखकर डर लगा और वह खाई में जा नहीं सकता था।

बंदर ने देखा कि मगरमच्छ डर कर खाई में फंस गया है और वहां से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। बंदर ने तुरंत कर्मठता से सोचा कि उसे मदद करनी चाहिए।

बंदर ने एक जामुन की डाल पकड़ी और मगरमच्छ के पास आया। वह डाल मगरमच्छ को दिया और बोला, “यह डाल पकड़कर मेरे साथ जोर-जोर से खींचो।”

मगरमच्छ ने बंदर की सलाह मानी और डाल को खींचने लगा। इस तरह बंदर और मगरमच्छ मिलकर खाई से बाहर निकल आए। मगरमच्छ बहुत खुश था कि बंदर ने उसकी मदद की और उसे सहारा दिया।

इस घटना के बाद से, बंदर और मगरमच्छ की दोस्ती और मजबूत हो गई। वे हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे और उनकी मित्रता लोगों के बीच मशहूर हो गई।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सहयोग और मित्रता की शक्ति हमेशा अच्छा काम करती है। जब हम दूसरों की मदद करते हैं और उन्हें सहारा देते हैं, तो हम स्वयं को भी खुश महसूस करते हैं। बंदर और मगरमच्छ की यह कहानी हमें यह बताती है कि हमेशा दूसरों की मदद करें और मित्रता को महत्व दें।

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अहंकारी सियार और लालची कौआ की कहानी, The Proud Jackal and the Greedy Crow, Ankahari Siyar Aur Lalchi Kauwa https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/ankahari-siyar-aur-lalchi-kauwa/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/ankahari-siyar-aur-lalchi-kauwa/#respond Sat, 15 Jul 2023 08:19:17 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=509 अहंकारी सियार और लालची कौआ की कहानी, The Proud Jackal and the Greedy Crow, Ankahari Siyar Aur Lalchi Kauwa Ki Kahani अहंकारी सियार और लालची कौआ की कहानी हिंदी में। इस कहानी में जानिए कैसे अहंकार और लालच एक जंगली सियार और कौए की दोस्ती को नष्ट कर देते हैं। इस कहानी से शिक्षा प्राप्त करें कि अहंकार और लालच से दूर रहना हमेशा बेहतर होता है।

यह है अहंकारी सियार और लालची कौआ की कहानी। यह कहानी एक जंगल में हुई एक दोस्ती के बारे में है, जहां सियार और कौए एक-दूसरे के दोस्त बन जाते हैं। लेकिन अहंकार और लालच ने इस दोस्ती को नष्ट कर दिया। कृपया इस कहानी को पढ़कर जानें कि अहंकार और लालच से बचना क्यों आवश्यक है।

अहंकारी सियार और लालची कौआ की कहानी

एक जंगल में एक अहंकारी सियार रहता था। वह अपनी प्रभावशाली और विशाल आवाज से प्रतिदिन जंगल में घूमता था। वह खुद को बहुत ही समर्थ और शक्तिशाली मानता था। उसे अपनी ताकत की वजह से जंगल के अन्य जानवर डरते थे और उसे सम्मान देते थे।

एक दिन, सियार ने एक लालची कौआ को देखा। कौआ अपने बापू के साथ एक गोल्डन अंडा ढूंढ़ रहा था। सियार के मन में एक योजना उभरी – वह दोस्त बनना चाहता था क्योंकि उसे लगा कि कौवा अंडे का पता बता सकता है।

सियार ने लालची कौए के पास जाकर कहा, “अहो! मेरे दोस्त, मैंने एक रहस्यमय चीज़ ढूंढ़ ली है। यह एक गोल्डन अंडा है जिसमें बड़ा संपत्ति छिपी हुई है। क्या तुम मुझे इसके बारे में बता सकते हो कि यह कहां मिला है?”

लालची कौआ अभिमान में आ गया और उसने सियार को बताया, “देखो, मुझे यह अंडा के बारे में पता है। यह अंडा एक पेड़ के ऊपर सफेद फर्श पर छिपा हुआ है।”

सियार ने धन्यवाद कहते हुए दौड़ते हुए कहा, “तुम बहुत धन्यवाद! मैं इसे जल्दी से ढूंढ़ लूंगा और अपनी देशभक्ति की उच्चता को साबित करूंगा।”

सियार और कौए ने एक साथ पेड़ के पास पहुंचकर खोज शुरू की। लेकिन वहां कोई अंडा नहीं था। यह सब लालची कौवा की खोजी हुई योजना थी। उसने सियार को मूर्ख बनाया और खुद अंडे को चुरा लिया।

सियार ने अहंकार और लालच की वजह से अपने दोस्ती को खो दिया। वह दुखी हुआ और खुद को बेवकूफ समझते हुए गलती स्वीकार की। इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि गर्व और लालच से दूर रहना हमेशा बेहतर होता है और सच्चे दोस्त की कीमत समझनी चाहिए।

इस प्रकार सियार और कौए की यह कहानी समाप्त होती है।

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गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क की कहानी, The Cat and the Foolish Monkey, Gidad Aur Murkh Medhak Ki Kahani https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/gidad-aur-murkh-medhak-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/gidad-aur-murkh-medhak-ki-kahani/#respond Sat, 15 Jul 2023 07:59:16 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=506 गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क की कहानी, The Cat and the Foolish Monkey, Gidad Aur Murkh Medhak Ki Kahani. गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क की कहानी – एक जादुई कहानी जहां एक चालाक गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क के बीच उत्पन्न होता है। यह कहानी बताती है कि बुद्धिमानी का महत्व हमेशा होता है।

गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क की कहानी विश्वप्रसिद्ध ईसोप की कहानियों में से एक है। यह कहानी हमें सिखाती है कि होशियारी और समझदारी सदैव महत्वपूर्ण होती हैं। यह उपन्यास हमें एक गीदड़ और मेंढ़क की कहानी से रोचकता और सीख देता है।

गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क की कहानी

एक जंगल में एक गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क रहते थे। गीदड़ चालाक और बुद्धिमान थी, जबकि मूर्ख मेंढ़क नादान और मूर्ख था। एक दिन, गीदड़ ने यह सुना कि गांव के पास एक तालाब में एक बहुत ही बड़ा मेंढ़क बसा है जिसे सब लोग देखने आते हैं।

गीदड़ चालाकी से सोचने लगी कि वह इस मौके का फायदा उठा सकती है। उसने मूर्ख मेंढ़क के पास जाकर कहा, “भगवान ने मुझे बताया है कि तुम बहुत बुद्धिमान हो और असाधारण ताकत रखते हो। तालाब में एक बड़ी और खतरनाक मेंढ़क बसा है और मुझे उसे देखना है। क्या तुम मेरे साथ चलोगे?”

मूर्ख मेंढ़क, अपने आप को बहुत ही अच्छी तरह से समझते हुए बहुत गर्व से बोला, “हां, बिलकुल! मैं बहुत ही शक्तिशाली हूँ और मुझे बहुत सारे लोग देखने चाहते हैं। मैं तुम्हारे साथ चलूंगा।”

इस प्रकार, गीदड़ और मूर्ख मेंढ़क तालाब की ओर चले गए। जब वे वहां पहुंचे, तो गीदड़ ने उनसे कहा, “अब मैं तुम्हें यहां छोड़ती हूँ, लेकिन ध्यान रखो, यदि तुम ऊपर जाते हो, तो तुम्हारे पंजे से तालाब की सतह को थोड़ा खुरचें और बहुत सारा जबरदस्त ध्वनि करें। जब लोग तुम्हें देखेंगे, तो वे तुम्हें बहुत बड़ा मेंढ़क समझेंगे।”

मूर्ख मेंढ़क ने अनुसार बात की और उपर जाने का प्रयास किया, लेकिन वह जबरदस्ती करते हुए गदगदाहट करने लगी। तालाब के पास रहने वाले लोग देखकर बहुत ही हैरान थे और अचम्भित हो गए। वे चिढ़ा चढ़ियों और मूर्खता को देख रहे थे।

गीदड़ खुशी से हंसी और उसने मूर्ख मेंढ़क से कहा, “तुम कैसे बेवकूफ़ हो सकते हो? कोई मेंढ़क तालाब में रहने वाली नहीं होती। यह सब मेरा एक ही चाल था तुम्हें उस तालाब में ले जाने का, जहां तुम मेंढ़क होने की बजाय साधारण मंगल जीना होता है।”

मूर्ख मेंढ़क को अपनी मूर्खता पर बहुत खेद था और उसने गीदड़ को माफ़ी मांगते हुए कहा, “मुझे खेद है कि मैं इतना मूर्ख हुआ। मैं अब समझता हूँ कि बुद्धिमानी की कद्र करनी चाहिए।”

इस कहानी से हमें यह सिखाई जाती है कि होशियारी हमेशा सफलता का मार्गदर्शक होती है। आदर्श और ज्ञान बढ़ाने वाली यह कहानी बच्चों को समझदारी और सत्य के महत्व को सिखाती है।

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चलती बस और मछली की कहानी, The Moving Bus and the Fish, Chalti Bus Aur Machhli Ki Kahani https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/chalti-bus-aur-machhli-ki-kahani-2/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/chalti-bus-aur-machhli-ki-kahani-2/#respond Sat, 15 Jul 2023 07:35:13 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=503 चलती बस और मछली की कहानी, The Moving Bus and the Fish, Chalti Bus Aur Machhli Ki Kahani. चलती बस और मछली की कहानी – यह एक आदर्शवादी प्रेरक कहानी है जो बताती है कि सही समय पर सही निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण होता है। चलिए, इस कहानी को सुनते हैं।

एक बार की बात है, एक गर्मी के दिन में एक मछली एक बस के पास एक झील में रहती थी। वह हर रोज बस के नीचे तालाब की छाया में आनंद लेती थी। उसके मन में बस को देखकर एक अद्भुत सपना था, क्योंकि वह खुद एक यात्री बनना चाहती थी।

चलती बस और मछली की कहानी

एक दिन, मछली को एक अद्भुत मौका मिला। बस गाड़ी खराब हो गई और यात्रीगण इससे बाहर उतरने के लिए जबरदस्त तालाब की ओर दौड़ रहे थे। मछली ने यह देखा और जल्दी से यात्रा के लिए उस बस के नीचे छलांग लगा दी। उसने सोचा, “अब मुझे इस बस के साथ यात्रा करने का सुनहरा अवसर मिला है।”

यात्रा आरंभ हो गई और बस अपनी यात्रा जारी रखने लगी। जब बस आगे बढ़ने लगी, तो मछली ने बस के ऊपर की तरफ उठने का निर्णय किया। वह सोची, “मुझे इससे ऊपर उठकर आकाशीय दृश्य देखने का भी मौका मिलेगा।” मछली ने एक छलांग मारी और ऊपर उठ गई।

परन्तु, जैसे ही मछली बस के ऊपर पहुंची, उसे आकाश में थिरकती हवाएं महसूस हुईं। वह डर गई और उछलकर छाती पर वापस गिर गई। मछली ने अपने बस यात्रा के लिए एक गलत निर्णय लिया। वह दुखी हो गई क्योंकि उसने सही समय पर सही निर्णय नहीं लिया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने निर्णयों को सोच-विचार करके लेना चाहिए। बस मछली की तरह, हमें भी सही समय पर सही निर्णय लेना चाहिए, ताकि हमारे जीवन की यात्रा सुखद और सफल हो सके।

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बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी, The Cat and the Rainbow, Billi Aur Indra Dhanush Ki Kahani https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/billi-aur-indra-dhanush-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/billi-aur-indra-dhanush-ki-kahani/#respond Sat, 15 Jul 2023 04:55:38 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=500 बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी, The Cat and the Rainbow, Billi Aur Indra Dhanush Ki Kahani बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी हिंदी में। इस कहानी में जानिए कैसे एक बिल्ली ने इंद्रधनुष के पीछे भागते हुए अपनी खुदाई में अहमियत पाई।

यह एक बिल्ली की कहानी है जो इंद्रधनुष के पीछे भागती हुई अपनी खुदाई में अहमियत पाती है। इंद्रधनुष एक बहुत ही सुंदर और रंगीन आवाज का दिखाई देने वाला फ़ेनोमेनन है। चलिए इस कहानी में जानते हैं कि बिल्ली को इंद्रधनुष के प्रति कैसी आकर्षण हुई और इससे उसकी जिंदगी कैसे बदल गई।

बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी

एक बार की बात है, एक छोटी सी बिल्ली जंगल में रहती थी। वह बिल्ली बहुत ही खुदरा और मधुर स्वभाव वाली थी। वह रंगीन फूलों से घिरी महकती हुई मेदोव तालाब के पास रहती थी। बिल्ली आसमान में उग्र वर्षा के दिनों में भी अपने स्वर्गीय खूबसूरत बंदरों के खेल को देखने के लिए उठती थी।

एक दिन, जब बादल छाए हुए थे और धरती आँधी और वर्षा की गतिविधियों से गुंभीर हो गई थी, तब बिल्ली ने एक आश्चर्यजनक इंद्रधनुष देखा। उसके बिना सोचे-समझे वह इंद्रधनुष की ओर दौड़ पड़ी। उसने यह सोचते हुए कि शायद उसे इंद्रधनुष के पास कुछ खास मिलेगा।

बिल्ली धीमे धीमे इंद्रधनुष के पास आई और उसे देखते ही उसने विस्मय से मुँह खोल लिया। बिल्ली ने एक नया दुनियावी रंग देखा, जिसे वह पहले कभी नहीं देखी थी। वह अपने मन में खुशी से भरी हुई थी।

उसने इंद्रधनुष की ओर धावा बोला, “हे इंद्रधनुष, तुम बहुत ही सुंदर हो! मैंने कभी भी इतने खूबसूरत रंगों का संग्रह नहीं देखा। क्या तुम मुझे अपने साथ चलने की इजाज़त दोगे?”

इंद्रधनुष ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “धन्यवाद, बिल्ली। तुम मेरे साथ चल सकती हो, लेकिन याद रखो, मैं तो तुम्हें बस एक छवि के रूप में दिख सकता हूँ।”

बिल्ली ने धीरे से उसे चूमा और कहा, “मुझे इस वक्त के मोमेंट का आनंद लेने दो।”

बिल्ली ने इंद्रधनुष के पास के क्षणों का आनंद लिया, और फिर उसने धीरे-धीरे वापस जाना शुरू किया। उसे यह महसूस होने लगा कि उसकी खुदाई में एक नई खोज हो गई है, जहां उसे सुंदरता और आनंद की परिभाषा मिली।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में बहुत सी चीजें होती हैं जो हमें खुदाई की ओर आकर्षित करती हैं, लेकिन हमें समझना चाहिए कि सच्ची सुंदरता और आनंद हमारी खुदाई में मौजूद होती है, न कि बाहरी वस्तुओं में।

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बंदरों का महामंत्र की कहानी (The Monkeys and Their Chant) | Bandaro Ka Mahamantra Ki Kahani https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/bandaro-ka-mahamantra-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/bandaro-ka-mahamantra-ki-kahani/#respond Sat, 15 Jul 2023 03:28:42 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=497 बंदरों का महामंत्र की कहानी, The Monkeys and Their Chant, Bandaro Ka Mahamantra Ki Kahani, Hindi Story एक आदर्श नैतिक कथा है जो हमें सिखाती है कि अहंकार और भ्रम से दूर रहकर हमेशा सत्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए। इस कथा में बंदरों को एक चमत्कारी मंत्र मिलता है और वे अपनी शक्ति का उपयोग अहंकार में करते हैं, लेकिन जब उन्हें एक खरगोश द्वारा सच्चाई बताई जाती है, तो वे अपने भ्रम को समझते हैं और सत्य के प्रति समर्पित हो जाते हैं। इस कथा से हमें मानवीय गुणों की महत्ता और गर्व के नकारात्मक प्रभाव का संदेश मिलता है।

बंदरों का महामंत्र (The Monkeys and Their Chant) कहानी में, एक गहरे जंगल में कुछ बंदर रहते थे। एक दिन, वे चमत्कारी एक मंत्र की प्राप्ति करते हैं, जिसकी सहायता से वे शक्तिशाली बन जाते हैं। पहले तो बंदरों को यह अहंकार देता है, लेकिन जब एक बुद्धिमान खरगोश उन्हें सत्यता का संकेत देता है, तो उनका दृढ़ विश्वास हिल जाता है। इससे पहले कि वे और अधिक बुरी स्थिति में गिरें, वे अपने अहंकार को छोड़कर और सत्य के मार्ग में समर्पित होते हैं।

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Bandaro Ka Mahamantra Ki Kahani

एक समय की बात है, एक गहरे जंगल में एक झोंपड़ी में कुछ बंदर रहते थे। वे जंगल के सबसे बुद्धिमान बंदरों में से थे और अपनी शक्तियों पर गर्व करते थे। एक दिन, एक बंदर ने अपने दोस्तों को एक चमत्कारी मंत्र के बारे में बताया जो उन्हें असाधारण शक्तिशाली बना सकता था।

बंदरों ने मंत्र को जानने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग किया और जल्द ही उन्हें उसकी प्राप्ति हो गई। मंत्र की शक्ति के साथ, बंदरों का अहंकार और अभिमान बढ़ गया। वे लोगों के सामरिक मंदिरों में घुस जाते थे और लोगों के उपासना का विरोध करते थे।

एक दिन, एक खरगोश जब उन्हें देखा, तो वह उनसे पूछा, “यह सब क्या हो रहा है? तुम लोगों को उपासना की इजाज़त नहीं है!” बंदरों ने उसे अहंकार से देखा और जबाब दिया, “हमारे पास एक चमत्कारी मंत्र है, जिसकी मदद से हम असाधारण शक्तिशाली हो जाते हैं। हमें कोई रोक नहीं सकता!”

खरगोश चिंतित हो गया और उसने बताया, “तुम लोगों को जो कहा जा रहा है, वह सच नहीं है। तुम लोग अहंकार में अटके हुए हो, सच्चाई को नहीं देख सकते। यह मंत्र सिर्फ तुम्हें भ्रम में रखेगा।”

बंदरों ने खरगोश की बात को ध्यान में रखा और वे देखने लगे कि उनका अहंकार और अभिमान सत्यता के प्रति उनकी दृढ़ता को कम कर रहे थे। वे बुरी स्थिति से बचने के लिए तत्पर हो गए और अहंकार को छोड़कर सत्य की ओर बढ़ने लगे।

बंदरों ने अपनी भ्रमजाल से छुटकारा पाया और सत्य के प्रति समर्पित हो गए। उन्होंने अपनी शक्तियों का सही उपयोग किया और अहंकार के बजाय न्याय और सहीता का पालन किया।

इस कथा से हमें सत्य की महत्ता, अहंकार के नकारात्मक प्रभाव का बोध होता है और हमें यह सिखाती है कि हमेशा सत्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए।

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चलती बस और मछली की कहानी (The Moving Bus and the Fish) https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/chalti-bus-aur-machhli-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/chalti-bus-aur-machhli-ki-kahani/#respond Sat, 15 Jul 2023 03:10:41 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=494 चलती बस और मछली की कहानी, The Moving Bus and the Fish, Chalti Bus Aur Machhli Ki Kahani चलती बस और मछली एक लोकप्रिय ईसोप की पंचतंत्र कथा है जो हमें सिखाती है कि आवश्यकताएं और परिस्थितियाँ हमारे जीवन के कठिनाइयों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। इस कहानी में एक मछली और एक बस के बीच एक दिलचस्प संवाद होता है जो हमें यह बताता है कि सफलता के लिए योग्य अवसरों को पहचानना और उनका उपयोग करना आवश्यक होता है।

चलती बस और मछली की कहानी

यह एक बार की बात है, जब एक छोटी सी मछली नदी में तैर रही थी। वह अपनी धीमी गति से प्रशांतिपूर्ण जीवन का आनंद ले रही थी। एक दिन, वह एक बस को देखती है जो उसके पास से गुजर रही थी। मछली ने सोचा, “यह बस जगह जगह जाती है, क्या इसके साथ मैं अपनी यात्रा कर सकती हूँ?” उसने अपनी सारी ताकत जुटाई और बस के पास पहुंची।

मछली ने बस को कहा, “हे बस, क्या आप मुझे अपनी यात्रा में शामिल कर सकते हैं? मैं भी आपकी यात्रा का आनंद लेना चाहती हूँ।” बस ने हंसते हुए कहा, “तू मज़ाक कर रही है क्या? तू पानी में रहती है और मैं सड़क पर चलती हूँ। हमारी यात्राएं एक दूसरे से बहुत अलग होती हैं।”

मछली ने कहा, “कृपया मुझे अपने साथ ले चलें, मैं आपके साथ बहुत अद्भुत चीजों को देखने का आनंद लेंगी।” बस ने चुपचाप मछली को अपने पीछे बैठाया। यात्रा चालू हो गई और बस अपनी रफ्तार से आगे बढ़ने लगी।

थोड़ी दूर जाने के बाद, बस एक गहरे नदी में जा पहुंची, जहां उसकी रफ्तार कम हो गई। मछली ने पानी में बसने का आनंद लेते हुए कहा, “यहां तो बहुत शांतिपूर्ण है। मुझे आपकी यात्रा बहुत पसंद आई है। धन्यवाद!” बस ने मुँह चिढ़ाते हुए कहा, “देखा, यह तो मेरे अंदर ही सही स्थान है। तू यहां ठीक से नहीं रह सकती, तू तो मछली है और मछली के लिए पानी ही अनुकूल होता है।”

मोरल: यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने प्रतिष्ठान और परिस्थितियों का सम्मान करना चाहिए। हमारे जीवन में हमेशा ऐसे अवसर होंगे जब हमें दूसरे लोगों के साथ काम करना होगा या उनकी मदद लेनी होगी। हमें अपनी सीमाओं को स्वीकार करना और वे अवसर चुनना जो हमारे लिए सबसे उपयुक्त हों।

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खुदाई करने वाले और उसकी मेहनती गाय की कहानी -The Digger and the Hardworking Cow Hindi Story https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/khudai-karne-wale-aur-uski-mehanti-gay-ki-kahani/ https://hi.spokenenglishtips.com/aesops-fables-in-hindi/khudai-karne-wale-aur-uski-mehanti-gay-ki-kahani/#respond Sat, 15 Jul 2023 02:58:31 +0000 https://hi.spokenenglishtips.com/?p=492 खुदाई करने वाले और उसकी मेहनती गाय की कहानी, The Digger and the Hardworking Cow Hindi Story, Khudai Karne Wale Aur Uski Mehanti Gay Ki Kahani in Hindi Story. यह कहानी “खुदाई करने वाले और उसकी मेहनती गाय” एक ऐसे किसान के बारे में है जो खेती के लिए अपनी मेहनती गाय की मदद लेता है। इस कहानी से आप उनकी मेहनत और संघर्ष को समझेंगे जो उन्होंने अपनी सफलता के लिए की।

यह कहानी “खुदाई करने वाले और उसकी मेहनती गाय” एक गांव में रहने वाले एक किसान के बारे में है। वह बहुत ही मेहनती और संघर्षशील किसान था जो अपने खेतों में खुदाई करता था। उसकी मेहनत में एक मददगार हाथी और उसकी मेहनती गाय थी। इस कहानी में हम देखेंगे कि किसान और उसकी गाय की संघर्ष के बावजूद वे कैसे संयम और मेहनत के माध्यम से सफलता को प्राप्त करते हैं।

खुदाई करने वाले और उसकी मेहनती गाय की कहानी

बहुत समय पहले के एक गांव में एक किसान रहता था। वह खेती करता था और अपनी मेहनत से अच्छी उपज प्राप्त करता था। किसान खेत में खुदाई करने के लिए अपनी मेहनती गाय का इस्तेमाल करता था। गाय धैर्य से खुदाई करती और किसान को सदैव सहयोग देती थी।

एक दिन, किसान ने अपने दोस्त से मिलने के लिए गाय को उसकी खेती में छोड़ दिया। जब वह लौटा, तो उसने देखा कि गाय बहुत मेहनत कर रही है, लेकिन उसे बहुत कम उपज मिल रही है। गाय थकी हुई और उसके चरणों में चोटें थीं।

किसान ने देखा कि उसकी गाय असंतुष्ट दिख रही है। वह उसे समझाने के लिए उसके पास गया और कहा, “मेरी प्यारी गाय, तुम इतनी मेहनत कर रही हो, फिर भी तुम्हें इतनी कम उपज मिल रही है। क्या समस्या है?”

गाय ने उदासी से कहा, “मुझे यहां खुदाई करते समय बहुत समस्या होती है। मेरे पैरों को चोटें लगती हैं और मैं थक जाती हूँ।”

किसान ने कहा, “तुम चिंता न करो। हम तुम्हारी सहायता करेंगे।” उसने गाय को नरम जूते पहनाए और उसे आराम से खुदाई करने के लिए वापस ले जाया।

अब गाय को चोटें नहीं लग रही थीं और वह ज्यादा समय तक खुदाई कर सकती थी। उसकी मेहनत और संघर्ष के बावजूद, उसे अब पहले से ज्यादा उपज मिलने लगी। गाय और किसान दोनों बहुत खुश थे।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि मेहनत और संघर्ष सफलता की कुंजी होते हैं। यदि हम अपने संघर्षों पर हावी नहीं होते हैं, तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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