गधा और उसके दोस्तों की दौड़ (The Donkey and His Friends Race)- एक लोकप्रिय ऐसोप की कहानी हिंदी में। इस कहानी में गधा और उसके दोस्त एक दौड़ में भाग लेते हैं। पढ़ें कैसे इस कहानी में अज्ञानता और समझदारी का संघर्ष दिखाया गया है।
गधा और उसके दोस्तों की दौड़
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गधा रहता था। वह अपने दोस्तों के साथ बहुत खुश रहता था और उनसे बड़ी मेहनत के साथ काम करता था। उसके दोस्तों में बंदर, खरगोश, हाथी, और उसका सबसे अच्छा दोस्त कछुआ भी थे। एक दिन, उन्होंने सोचा कि वे एक दौड़ आयोजित करेंगे और जीतने वाले को एक विशेष पुरस्कार देंगे।
दौड़ के दिन आया और सभी दोस्त उत्साहित थे। सभी ने एक साथ खूब मेहनत की और तैयार हो गए। सभी दोस्त लाइन में खड़े हुए और दौड़ शुरू हो गई। खरगोश और बंदर बहुत तेजी से दौड़ रहे थे, हाथी भी उनसे पीछे नहीं रहा था। गधा थोड़ा पीछे छूट गया था, लेकिन वह अपने दोस्तों को पीछे छोड़ने के लिए हमेशा प्रयास करता था।
धीरे-धीरे खरगोश, बंदर, और हाथी आगे निकल गए और गधा अब और भी पीछे हो गया। लोग उसके मजाक उड़ा रहे थे, और कछुआ गधे की मदद करने के लिए पीछे रुक गया। वे सभी उत्साहित थे क्योंकि वे जीतने के नजदीक थे।
अचानक, बादल गरजने लगे और बारिश शुरू हो गई। सबके पैर गीले हो गए और जमीन चिकनी हो गई। यहां तक कि खरगोश और बंदर ठहर गए। गधा जितना ही मेहनत करने की कोशिश कर रहा था, उसके पैर तक चुपड़ गए। वह अटक गया और दौड़ छोड़ दी।
अंत में, कछुआ ही दौड़ जीत गया। सब उसकी प्रशंसा कर रहे थे और उसे विशेष पुरस्कार मिला। इस कहानी से सबक यह है कि अज्ञानता और धोखेबाजी से समझदारी और मेहनत हमेशा आगे होती है।
आशा है कि आपको गधा और उसके दोस्तों की दौड़ की कहानी पसंद आई होगी।