चलती बस और मछली की कहानी, The Moving Bus and the Fish, Chalti Bus Aur Machhli Ki Kahani

चलती बस और मछली की कहानी, The Moving Bus and the Fish, Chalti Bus Aur Machhli Ki Kahani. चलती बस और मछली की कहानी – यह एक आदर्शवादी प्रेरक कहानी है जो बताती है कि सही समय पर सही निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण होता है। चलिए, इस कहानी को सुनते हैं।

एक बार की बात है, एक गर्मी के दिन में एक मछली एक बस के पास एक झील में रहती थी। वह हर रोज बस के नीचे तालाब की छाया में आनंद लेती थी। उसके मन में बस को देखकर एक अद्भुत सपना था, क्योंकि वह खुद एक यात्री बनना चाहती थी।

चलती बस और मछली की कहानी

एक दिन, मछली को एक अद्भुत मौका मिला। बस गाड़ी खराब हो गई और यात्रीगण इससे बाहर उतरने के लिए जबरदस्त तालाब की ओर दौड़ रहे थे। मछली ने यह देखा और जल्दी से यात्रा के लिए उस बस के नीचे छलांग लगा दी। उसने सोचा, “अब मुझे इस बस के साथ यात्रा करने का सुनहरा अवसर मिला है।”

यात्रा आरंभ हो गई और बस अपनी यात्रा जारी रखने लगी। जब बस आगे बढ़ने लगी, तो मछली ने बस के ऊपर की तरफ उठने का निर्णय किया। वह सोची, “मुझे इससे ऊपर उठकर आकाशीय दृश्य देखने का भी मौका मिलेगा।” मछली ने एक छलांग मारी और ऊपर उठ गई।

परन्तु, जैसे ही मछली बस के ऊपर पहुंची, उसे आकाश में थिरकती हवाएं महसूस हुईं। वह डर गई और उछलकर छाती पर वापस गिर गई। मछली ने अपने बस यात्रा के लिए एक गलत निर्णय लिया। वह दुखी हो गई क्योंकि उसने सही समय पर सही निर्णय नहीं लिया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने निर्णयों को सोच-विचार करके लेना चाहिए। बस मछली की तरह, हमें भी सही समय पर सही निर्णय लेना चाहिए, ताकि हमारे जीवन की यात्रा सुखद और सफल हो सके।

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