बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी, The Cat and the Rainbow, Billi Aur Indra Dhanush Ki Kahani बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी हिंदी में। इस कहानी में जानिए कैसे एक बिल्ली ने इंद्रधनुष के पीछे भागते हुए अपनी खुदाई में अहमियत पाई।
यह एक बिल्ली की कहानी है जो इंद्रधनुष के पीछे भागती हुई अपनी खुदाई में अहमियत पाती है। इंद्रधनुष एक बहुत ही सुंदर और रंगीन आवाज का दिखाई देने वाला फ़ेनोमेनन है। चलिए इस कहानी में जानते हैं कि बिल्ली को इंद्रधनुष के प्रति कैसी आकर्षण हुई और इससे उसकी जिंदगी कैसे बदल गई।
बिल्ली और इंद्रधनुष की कहानी
एक बार की बात है, एक छोटी सी बिल्ली जंगल में रहती थी। वह बिल्ली बहुत ही खुदरा और मधुर स्वभाव वाली थी। वह रंगीन फूलों से घिरी महकती हुई मेदोव तालाब के पास रहती थी। बिल्ली आसमान में उग्र वर्षा के दिनों में भी अपने स्वर्गीय खूबसूरत बंदरों के खेल को देखने के लिए उठती थी।
एक दिन, जब बादल छाए हुए थे और धरती आँधी और वर्षा की गतिविधियों से गुंभीर हो गई थी, तब बिल्ली ने एक आश्चर्यजनक इंद्रधनुष देखा। उसके बिना सोचे-समझे वह इंद्रधनुष की ओर दौड़ पड़ी। उसने यह सोचते हुए कि शायद उसे इंद्रधनुष के पास कुछ खास मिलेगा।
बिल्ली धीमे धीमे इंद्रधनुष के पास आई और उसे देखते ही उसने विस्मय से मुँह खोल लिया। बिल्ली ने एक नया दुनियावी रंग देखा, जिसे वह पहले कभी नहीं देखी थी। वह अपने मन में खुशी से भरी हुई थी।
उसने इंद्रधनुष की ओर धावा बोला, “हे इंद्रधनुष, तुम बहुत ही सुंदर हो! मैंने कभी भी इतने खूबसूरत रंगों का संग्रह नहीं देखा। क्या तुम मुझे अपने साथ चलने की इजाज़त दोगे?”
इंद्रधनुष ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “धन्यवाद, बिल्ली। तुम मेरे साथ चल सकती हो, लेकिन याद रखो, मैं तो तुम्हें बस एक छवि के रूप में दिख सकता हूँ।”
बिल्ली ने धीरे से उसे चूमा और कहा, “मुझे इस वक्त के मोमेंट का आनंद लेने दो।”
बिल्ली ने इंद्रधनुष के पास के क्षणों का आनंद लिया, और फिर उसने धीरे-धीरे वापस जाना शुरू किया। उसे यह महसूस होने लगा कि उसकी खुदाई में एक नई खोज हो गई है, जहां उसे सुंदरता और आनंद की परिभाषा मिली।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में बहुत सी चीजें होती हैं जो हमें खुदाई की ओर आकर्षित करती हैं, लेकिन हमें समझना चाहिए कि सच्ची सुंदरता और आनंद हमारी खुदाई में मौजूद होती है, न कि बाहरी वस्तुओं में।
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